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ये हैं भारत के 5 सबसे ठंडे रेलवे स्टेशन – जहां ट्रेन से उतरते ही कांप उठते हैं यात्री

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भारत विविधताओं का देश है — यहाँ चिलचिलाती गर्मी भी है और कंपकंपा देने वाली ठंड भी। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि भारत के सबसे ठंडे रेलवे स्टेशन कौन-कौन से हैं? ऐसे स्टेशन जहां ट्रेन से उतरते ही हाथ-पैर सुन्न पड़ने लगते हैं, साँसें भाप बनकर निकलती हैं और बर्फीली हवाएं चेहरे पर चुभने लगती हैं।

इस लेख में हम आपको भारत के 5 सबसे ठंडे रेलवे स्टेशनों के बारे में बताएंगे — जहां तापमान अक्सर 0 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है और फिर भी ट्रेनें रुकती हैं, लोग चढ़ते-उतरते हैं, और रेलवे अपना काम निभाता है।

1. लेह रेलवे स्टेशन (आगामी – सबसे ऊंचा और सबसे ठंडा)

स्थान: लेह, लद्दाख
तापमान: -20°C से -30°C तक (सर्दियों में अनुमानित)

हालाँकि यह स्टेशन अब तक पूरी तरह चालू नहीं हुआ है, लेकिन लेह तक पहुंचने वाली रेलवे लाइन (बिलासपुर–मनाली–लेह) को भविष्य में भारत का सबसे ठंडा और सबसे ऊँचा स्टेशन माना जा रहा है।

रेलवे द्वारा प्रस्तावित यह प्रोजेक्ट लगभग 5,360 मीटर ऊँचाई पर बनेगा और वहाँ का तापमान जनवरी-फरवरी में -30°C तक गिर जाता है। जब यह स्टेशन बनकर तैयार होगा, तो यह दुनिया के सबसे दुर्गम रेलवे स्थानों में शामिल हो जाएगा।

2. काज़ीगुंड रेलवे स्टेशन

स्थान: जम्मू और कश्मीर
तापमान: -8°C तक

काज़ीगुंड जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग ज़िले में स्थित है और यह क्षेत्र सर्दियों में बर्फ से ढका रहता है। यह स्टेशन जम्मू–बारामुला रेलवे रूट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यहां ट्रेनें बर्फबारी के बावजूद नियमित चलती हैं।

सर्दियों में जब पूरी घाटी बर्फ से ढक जाती है, तो यात्रियों को स्टेशन से बाहर निकलते ही बर्फीली हवा का झटका लगता है। ठंड इतनी तेज होती है कि लोग ट्रेन के अंदर ही हीटर से चिपके रहते हैं।

3. कुफरी (भविष्य का स्टेशन – कालका-शिमला विस्तार)

स्थान: हिमाचल प्रदेश
तापमान: -5°C से -15°C तक

कुफरी को पर्यटन स्थल के तौर पर तो हर कोई जानता है, लेकिन कालका-शिमला हेरिटेज रेलवे लाइन को यदि आगे बढ़ाया जाए तो भविष्य में कुफरी रेलवे स्टेशन भी एक असली स्टेशन बन सकता है। वर्तमान में शिमला स्टेशन तक ट्रेन जाती है।

कुफरी में हर साल भारी बर्फबारी होती है, और यहां का तापमान माइनस में बना रहता है। इसलिए यदि यहाँ रेलवे स्टेशन विकसित होता है, तो यह भारत के सबसे ठंडे रेलवे स्टेशनों में शामिल हो सकता है।

4. श्रीनगर रेलवे स्टेशन

स्थान: श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर
तापमान: -6°C से -10°C तक

श्रीनगर स्टेशन बर्फबारी के बीच भी काम करता है। रेलवे की ओर से यहाँ विशेष गर्म कोच, हिटेड सिग्नल सिस्टम, और स्नो क्लीयरेंस यूनिट्स की तैनाती होती है।

जब सर्दियों में डल झील जमने लगती है और चारों ओर बर्फ की सफेद चादर बिछ जाती है, तब श्रीनगर रेलवे स्टेशन पर भी रौनक बनी रहती है। यहां से ट्रेनें बारामुला और बनिहाल के बीच चलती हैं और हर मौसम में आवाजाही बनाए रखती हैं।

5. शिमला रेलवे स्टेशन

स्थान: शिमला, हिमाचल प्रदेश
तापमान: -2°C से -6°C तक

कालका-शिमला रेलवे लाइन, जो यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट है, शिमला स्टेशन तक जाती है। यहां के सर्द मौसम में रेलवे की पटरियाँ भी बर्फ से ढक जाती हैं। ट्रेन की छत और खिड़कियाँ बर्फ में जम जाती हैं, लेकिन रेलवे स्टाफ पूरे समर्पण के साथ सेवा जारी रखता है।

शिमला स्टेशन पर सर्दियों में सुबह और रात के समय जब यात्री उतरते हैं, तो कई बार स्टेशन पर हवा में भाप बनती साँसें और बर्फीली सीढ़ियों पर लड़खड़ाते कदम दिखते हैं।

रेलवे की चुनौतियाँ इन ठंडे स्थानों पर

पटरियों पर बर्फ जमना – ट्रेन के पहिए फिसल सकते हैं, इसलिए समय-समय पर स्नो क्लियरेंस ज़रूरी होता है
ब्रेक सिस्टम पर असर – अत्यधिक ठंड में ट्रेन के ब्रेक सही काम न करें, इसके लिए खास सर्दी-प्रूफ ब्रेकिंग सिस्टम का इस्तेमाल होता है
स्टाफ की ड्यूटी – इतनी सर्दी में भी रेलवे कर्मचारी वर्दी में यात्रियों की मदद करते हैं, टिकट चेक करते हैं और सिग्नल संभालते हैं

कुछ और ठंडी जगहों के स्टेशन (उल्लेखनीय)

ठंड में यात्रा करने के कुछ सुझाव

निष्कर्ष

भारत के ये सबसे ठंडे रेलवे स्टेशन न केवल मौसम की कठोर परीक्षा हैं, बल्कि रेलवे की हिम्मत, तकनीक और सेवा भावना का प्रतीक भी हैं। जहां सड़कें बंद हो जाती हैं, वहां ट्रेनें आज भी बर्फ काटती हुई यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचा रही हैं।

तो अगली बार अगर आप सर्दी में रेलवे यात्रा की योजना बनाएं, तो इन स्थानों की यात्रा ज़रूर करें — जहां ट्रेन से उतरना किसी अलौकिक अनुभव से कम नहीं होता।

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