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क्या आपने देखा है रेलवे ट्रैक पर लगे ‘Fish Plates’? जानिए ये क्या काम करती हैं

Fish plate in railwaysystem

जब आप रेलवे ट्रैक को पास से देखते हैं, तो आपको हर कुछ मीटर पर दो पटरियों के जोड़ पर एक विशेष प्रकार की मोटी लोहे की पट्टी दिखाई देती है, जो दोनों रेल पटरियों को जोड़ती है। इन्हें ही कहा जाता है — Fish Plate (फिश प्लेट)

नाम से भले ही यह किसी मछली से जुड़ा लगे, लेकिन इसका रेलवे में बहुत ही अहम तकनीकी और संरचनात्मक उपयोग है।

इस लेख में हम जानेंगे कि Fish Plate क्या होती है, कैसे काम करती है, इसे फिश प्लेट क्यों कहा जाता है, और इसके बिना रेल संचालन संभव क्यों नहीं है।

1. फिश प्लेट (Fish Plate) क्या होती है?

Fish Plate एक मोटा, मजबूत, आयताकार लोहे या स्टील का टुकड़ा होता है, जो रेलवे की दो पटरियों के सिरों को जोड़ने के लिए उपयोग किया जाता है।

यह पटरी के दोनों किनारों पर फिट होकर बोल्ट्स की मदद से कस दिया जाता है, जिससे ट्रैक का वह हिस्सा पूरी तरह जुड़ जाए और ट्रेन उस पर बिना झटका लिए गुजर सके।

2. इसे ‘Fish Plate’ क्यों कहा जाता है?

‘Fish’ नाम का इस तकनीकी टुकड़े से कोई सीधा संबंध नहीं है, लेकिन इसका नामकरण इंग्लिश शब्द “Fish Belly” से हुआ है।

पुराने ज़माने में स्टील प्लेट का डिजाइन एक मछली की निचली बनावट जैसा होता था — बीच में मोटा और किनारों पर पतला। इस विशेष डिज़ाइन को Fish Plate कहा गया।

आज भी यह नाम उसी परंपरा के तहत उपयोग होता है, भले ही आधुनिक प्लेटें पूरी तरह आयताकार होती हैं।

3. फिश प्लेट रेलवे ट्रैक में क्या काम करती है?

Fish Plate का मुख्य कार्य है:

a) दो रेल पटरियों को मजबूती से जोड़ना
हर रेल पटरी एक निश्चित लंबाई की होती है (जैसे 13 मीटर, 26 मीटर आदि)। इन्हें आपस में जोड़ने के लिए फिश प्लेट जरूरी होती है।

b) ट्रैक को एक समान और सतत बनाना
यदि ट्रैक पर कोई गैप या ऊंच-नीच हो, तो ट्रेन के पहियों को झटका लगेगा या डिरेलमेंट हो सकता है। फिश प्लेट इस समस्या को रोकती है।

c) वाइब्रेशन और लोड को संतुलित करना
जब ट्रेन गुजरती है तो पूरा लोड पटरियों पर आता है। Fish Plate उस लोड को जोड़ पर समान रूप से फैलाने में मदद करती है।

d) थर्मल मूवमेंट (फैलाव-सिकुड़न) को झेलना
गर्मी और सर्दी में रेल पटरियाँ फैलती और सिकुड़ती हैं। फिश प्लेट इन मूवमेंट को सहने में मदद करती है और पटरी को टूटने से बचाती है।

4. फिश प्लेट कैसे लगाई जाती है?

Fish Plate को लगाने की प्रक्रिया बहुत सटीक होती है:

5. फिश प्लेट में इस्तेमाल होने वाला मटेरियल क्या होता है?

Fish Plate आमतौर पर फोर्ज्ड स्टील या माइक्रो-एलॉय स्टील से बनाई जाती हैं। ये मटेरियल इस कारण चुने जाते हैं:

6. क्या Fish Plate में खराबी आ सकती है?

हाँ। फिश प्लेट लगातार भार और कंपन झेलती है, इसलिए समय के साथ इनमें:

इसलिए रेलवे नियमित रूप से Track Inspection के दौरान फिश प्लेट्स की स्थिति जांचता है। यदि कोई प्लेट ढीली हो या टूटने लगे, तो उसे तुरंत बदला जाता है।

7. फिश प्लेट हटने या टूटने पर क्या हो सकता है?

Fish Plate का हटना एक गंभीर सुरक्षा खतरा होता है। अगर दो पटरियों के बीच मजबूत कनेक्शन नहीं होगा, तो:

इसलिए किसी भी हादसे के बाद या पहले, जांच में सबसे पहले Fish Plate को देखा जाता है

8. क्या फिश प्लेट की कोई आधुनिक जगह लेने वाली तकनीक आई है?

हाँ, अब कई स्थानों पर रेलवे Long Welded Rails (LWR) और Continuous Welded Rails (CWR) का उपयोग कर रहा है। इसमें:

लेकिन फिर भी कुछ स्थानों, छोटे सेक्शनों, या पुराने रूट्स पर अभी भी Fish Plate का उपयोग जरूरी है।

निष्कर्ष

Fish Plate भले ही छोटी दिखने वाली चीज़ हो, लेकिन यह रेलवे ट्रैक की मजबूती, सुरक्षा और स्थिरता के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसके बिना दो पटरियों को सुरक्षित रूप से जोड़ना संभव नहीं है।

अब जब भी आप रेलवे ट्रैक पर जाएं और पटरी के जोड़ पर एक मोटा लोहे का टुकड़ा देखें, तो जान लीजिए — वह सिर्फ धातु नहीं, बल्कि उस ट्रैक की जान है। वही है जो ट्रेन को बिना झटके, सुरक्षित और स्थिर बनाए रखती है।

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