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रेलवे में VIP ट्रेनें कौन-सी होती हैं? और कैसे होता है इनका संचालन

VIP Train

भारतीय रेलवे में हर दिन लाखों यात्री यात्रा करते हैं, लेकिन कुछ विशेष ट्रेनें ऐसी भी होती हैं जो आम जनता के लिए नहीं, बल्कि खास लोगों — यानी राजनेता, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्रीगण, वरिष्ठ अधिकारियों और विदेशी मेहमानों के लिए चलाई जाती हैं।

इन ट्रेनों को ही आम तौर पर VIP ट्रेनें कहा जाता है।

आपने कभी न कभी यह जरूर सुना होगा कि “आज VIP मूवमेंट है, ट्रेन लेट है”, या “इस ट्रैक पर VIP ट्रेन जा रही है”।
लेकिन क्या आपने सोचा है — ये VIP ट्रेनें आखिर होती क्या हैं? कौन इनका उपयोग करता है? और इनका संचालन आम ट्रेनों से कैसे अलग होता है?

इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि रेलवे में VIP ट्रेनें कौन-सी होती हैं और उनका संचालन कैसे होता है

1. VIP ट्रेन का मतलब क्या है?

रेलवे में VIP ट्रेनें वे विशेष ट्रेनें होती हैं जो:

इन ट्रेनों में खास सुविधा, सुरक्षा और गोपनीयता होती है। इन्हें सामान्य समय सारणी (Time Table) के अनुसार नहीं चलाया जाता।

2. VIP ट्रेनों के प्रकार कौन-कौन से हैं?

a) सलून कोच (Saloon Coach):
ये ऐसे विशेष कोच होते हैं जिनमें एक मिनी ऑफिस, बेडरूम, बाथरूम, किचन और वॉशरूम जैसी सुविधाएं होती हैं। इनका इस्तेमाल वरिष्ठ रेलवे अधिकारी (GM, DRM) और मंत्रिगण करते हैं।

b) राष्ट्रपति/प्रधानमंत्री विशेष ट्रेन:
जब राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री रेल मार्ग से यात्रा करते हैं, तो उनके लिए पूरी ट्रेन तैयार की जाती है, जिसमें सुरक्षा बल, विशेष कोच, मेडिकल टीम आदि शामिल होती हैं।

c) निरीक्षण ट्रेन (Inspection Car/Train):
रेलवे GM या DRM जब किसी रूट का निरीक्षण करते हैं, तो VIP ट्रेन चलाई जाती है। इसमें “इंस्पेक्शन कार” होती है जिसमें कांच की बड़ी खिड़कियां, रिकॉर्डिंग सिस्टम और बैठने की विशेष व्यवस्था होती है।

d) स्पेशल मूवमेंट ट्रेन:
कुछ मौके पर विदेशी मेहमानों, राजकीय यात्राओं, या सैन्य अधिकारी वर्ग के लिए भी VIP ट्रेन चलाई जाती है।

3. VIP ट्रेनों का संचालन कैसे होता है?

a) योजना और अनुमति:
VIP मूवमेंट से पहले रेलवे को उच्च स्तर से अनुमति मिलती है। इसके लिए Ministry of Home Affairs, Railway Board, SPG (यदि प्रधानमंत्री हों) और संबंधित ज़ोनल रेलवे की सहमति ली जाती है।

b) रूट क्लीयरेंस:
जिस रूट पर VIP ट्रेन चलनी है, उसे पहले से पूरी तरह साफ किया जाता है — इसे “Green Corridor” कहा जाता है। यानी उस ट्रैक पर उस समय कोई और ट्रेन नहीं चलेगी।

c) सुरक्षा व्यवस्था:

d) समय और स्पीड प्रबंधन:
VIP ट्रेनों को हाई प्रायोरिटी दी जाती है। इसका मतलब है कि सामान्य ट्रेनें रोक दी जाती हैं ताकि VIP ट्रेन बिना किसी रुकावट के निकले।

e) तकनीकी तैयारी:

4. VIP ट्रेन और आम ट्रेनों में क्या अंतर होता है?

विशेषताVIP ट्रेनसामान्य ट्रेन
संचालनविशेष आदेश सेटाइम टेबल के अनुसार
यात्रीविशिष्ट व्यक्तिआम जनता
सुरक्षाZ+ या SPGसामान्य RPF
प्राथमिकतासर्वोच्चनिर्भर करता है
सुविधाकस्टमाइज कोच, सैलूनतयशुदा क्लासेस
रूट नियंत्रणपूरा क्लियरशेड्यूल के अनुसार ट्रैफिक

5. VIP ट्रेनों में कौन-कौन सी सुविधाएं होती हैं?

कुछ सैलून कोच इतने आधुनिक होते हैं कि वे चलते-फिरते ऑफिस की तरह काम करते हैं।

6. VIP मूवमेंट की वजह से आम यात्रियों को क्या असर होता है?

कई बार VIP मूवमेंट के कारण:

हालांकि रेलवे कोशिश करता है कि VIP मूवमेंट आम यात्री सेवा को कम से कम प्रभावित करे।

7. क्या कोई सामान्य व्यक्ति VIP कोच में यात्रा कर सकता है?

नहीं, VIP कोच या ट्रेनें आम जनता के लिए नहीं होतीं। हालांकि कुछ पुराने सैलून कोच अब टूरिज्म के तहत किराए पर दिए जाने लगे हैं।

उदाहरण:

8. भविष्य में VIP ट्रेनों का क्या रुख रहेगा?

रेलवे अब ज्यादा से ज्यादा सुरक्षित और स्वचालित सिस्टम अपनाने की दिशा में काम कर रहा है। VIP मूवमेंट को भी:

निष्कर्ष

रेलवे में VIP ट्रेनें देश की सबसे विशिष्ट सेवाओं में से एक हैं। इनका संचालन आम ट्रेनों से अलग, पूरी सुरक्षा, योजना और नियंत्रण के तहत होता है। चाहे राष्ट्रपति हों या रेलवे GM, इन ट्रेनों की भूमिका सिर्फ सफर कराने की नहीं, बल्कि एक सिस्टम के भरोसे, क्षमता और कुशलता का उदाहरण भी है।

अब जब अगली बार आप स्टेशन पर “VIP मूवमेंट” सुनें, तो समझ जाएं कि एक अलग स्तर की यात्रा उस ट्रैक से गुजरने वाली है — जो जनता की नहीं, बल्कि देश की खास जिम्मेदारी का हिस्सा है।

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