भारत का रेलवे नेटवर्क न केवल विशाल है, बल्कि इसके हर स्टेशन, हर रूट और हर कोने में कोई न कोई अनोखी बात छिपी होती है। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि किसी रेलवे स्टेशन का नाम सिर्फ एक अक्षर का हो सकता है?
जी हाँ! यह कोई मज़ाक नहीं, बल्कि हकीकत है। भारत में एक ऐसा रेलवे स्टेशन है जिसका नाम सिर्फ एक अक्षर है — “O”।
आइए जानते हैं इस दिलचस्प और अद्भुत स्टेशन की पूरी कहानी, इतिहास और इससे जुड़ी रोचक बातें।
कहां स्थित है “O” स्टेशन?
यह अनोखा स्टेशन स्थित है मध्य प्रदेश के रतलाम मंडल में।
यह राजस्थान के जोधपुर–भोपाल रेलवे मार्ग पर स्थित है और रेलवे के पश्चिम रेलवे ज़ोन के अंतर्गत आता है।
स्टेशन का नाम: “O”
स्टेशन कोड: O
“O” स्टेशन की खास बातें
- भारत का एकमात्र स्टेशन जिसका नाम सिर्फ एक अक्षर है।
- इसका नाम अंग्रेज़ी के Capital Letter “O” पर आधारित है।
- यह एक छोटा स्टेशन है, जहाँ बहुत कम ट्रेनें रुकती हैं।
- रेलवे रिकॉर्ड और टाइमटेबल में इसका नाम और कोड एक जैसा है – सिर्फ “O”।
“O” स्टेशन का इतिहास
इस स्टेशन का निर्माण ब्रिटिश काल के दौरान हुआ था।
स्थानीय लोगों और रेलवे रिकॉर्ड के अनुसार, इस स्टेशन का नामकरण कुछ इस प्रकार हुआ:
- स्टेशन का नाम पहले किसी गांव या क्षेत्र के नाम पर रखना तय नहीं हुआ।
- उस समय रेलवे अधिकारियों ने इसे “O” (Zero या Neutral Point) के रूप में चिह्नित किया था।
- धीरे-धीरे यही अक्षर स्थायी नाम बन गया और रेलवे रिकॉर्ड में इसे “O” स्टेशन के रूप में दर्ज कर लिया गया।
यानी यह नाम किसी खास अर्थ या स्थान से नहीं, बल्कि सुविधा और संक्षिप्तीकरण से जुड़ा है।
क्या इसका कोई खास अर्थ है?
हालांकि इसका कोई पारंपरिक या ऐतिहासिक अर्थ नहीं है, लेकिन रेलवे इंजीनियरिंग में “O” को कुछ तकनीकी संदर्भों में “Origin” या “Zero Point” भी माना जाता है।
कुछ रेलवे अधिकारी मानते हैं कि यह पॉइंट एक समय में दो प्रमुख रेलवे लाइनों का जंक्शन या डिवाइडर पॉइंट था, इसलिए इसे “O” (Origin) कहा गया।
कितनी ट्रेनें रुकती हैं यहां?
यह स्टेशन बहुत छोटा है और कम उपयोग में आता है। यहां से:
- कुछ लोकल और पैसेंजर ट्रेनें गुजरती हैं।
- केवल 2–3 ट्रेनें ही रुकती हैं।
- स्टेशन पर बुनियादी सुविधाएं सीमित हैं — जैसे कि प्लैटफॉर्म छोटा है, शेड सीमित हैं।
“O” स्टेशन क्यों है इतना मशहूर?
➤ 1. नाम की वजह से
लोगों के बीच इसकी चर्चा इसलिए है क्योंकि इसका नाम सबसे छोटा है। रेलवे नेटवर्क में जहाँ नाम आमतौर पर 4 से 10 अक्षरों तक के होते हैं, वहीं यहां सिर्फ एक अक्षर है।
➤ 2. वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज
भारत में “O” स्टेशन के अलावा और कोई भी स्टेशन ऐसा नहीं है जिसका नाम सिर्फ एक अक्षर का हो।
यह कई वेबसाइट्स, रेलवे ब्लॉग्स और रिकॉर्ड बुक्स में दर्ज है।
➤ 3. रेलवे प्रेमियों के लिए सेल्फी प्वाइंट
रेलवे उत्साही लोग इस स्टेशन पर जाकर टिकट, बोर्ड और प्लेटफॉर्म की फोटो लेते हैं और सोशल मीडिया पर साझा करते हैं।
लोग इसे कैसे खोजते हैं?
आजकल ऑनलाइन टिकट बुकिंग के दौरान कई लोग मज़े के लिए “O” स्टेशन को IRCTC में सर्च करते हैं। कुछ लोग तो इसे देखकर हैरान हो जाते हैं कि इतना छोटा नाम भी हो सकता है।
आप IRCTC या NTES ऐप में “O” डालकर स्टेशन की जानकारी और ट्रेनें देख सकते हैं।
क्या ऐसा स्टेशन और देशों में भी है?
भारत के अलावा:
- स्वीडन में “Å” नाम का स्टेशन है (एक अक्षर का)।
- जापान में “O” से मिलते-जुलते कुछ स्टेशन कोड हैं, लेकिन अंग्रेज़ी में पूरा नाम होता है।
इस तरह भारत का “O” स्टेशन दुनिया के कुछ चुनिंदा सबसे छोटे नाम वाले स्टेशनों में से एक है।
क्या नाम बदलेगा?
अभी तक रेलवे की ओर से “O” स्टेशन के नाम को बदलने की कोई योजना नहीं है।
हालांकि समय-समय पर रेलवे स्टेशनों के नाम राजनीतिक या सांस्कृतिक कारणों से बदले जाते हैं, लेकिन “O” स्टेशन का नाम एक रोचक और ऐतिहासिक पहचान बन चुका है।
यात्रा अनुभव
जो यात्री “O” स्टेशन पर पहली बार जाते हैं, उन्हें अक्सर लगता है कि स्टेशन का नाम गलती से छप गया है।
लेकिन जब वे स्टेशन बोर्ड पर “O” लिखा देखते हैं, तो मुस्कुरा उठते हैं।
कई ट्रेवल ब्लॉगर्स, यूट्यूब चैनल और रेलवे प्रेमी लोग इसे “भारत का सबसे छोटा नाम वाला स्टेशन” कहकर वीडियो बनाते हैं।
निष्कर्ष
“O” रेलवे स्टेशन हमें बताता है कि साधारण चीज़ें भी असाधारण हो सकती हैं।
यह स्टेशन केवल एक अक्षर का नाम रखकर पूरे भारत में एक अनूठी पहचान बना चुका है।
जहाँ दुनिया स्टेशनों को बड़े-बड़े नामों से जानती है, वहीं “O” स्टेशन अपने सरल लेकिन खास नाम से सभी का ध्यान खींचता है।
तो अगली बार जब आप रेलवे टिकट बुक करें, या ट्रेनों की जानकारी देखें, तो एक बार “O” स्टेशन को ज़रूर सर्च कीजिए – शायद एक अक्षर में ही यात्रा का नया अनुभव मिल जाए।