रेलवे स्टेशन के नाम के नीचे लिखा ‘जं’, ‘सीटी’, ‘कैंट’ क्या होता है? जानिए इनका फर्क

Railway Station Code

जब आप किसी रेलवे स्टेशन पर खड़े होते हैं, तो आपने स्टेशन बोर्ड पर नाम के साथ कुछ विशेष शब्द देखे होंगे, जैसे कि “लखनऊ जं”, “कानपुर सेंट्रल”, “वाराणसी सिटी”, या “मेरठ कैंट”।

यह नामों के बाद लिखा गया हिस्सा सिर्फ सजावटी शब्द नहीं, बल्कि उसका तकनीकी और ऐतिहासिक महत्व होता है।
इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि ‘जं’ (Junction), ‘सीटी’ (City), और ‘कैंट’ (Cantonment) का क्या मतलब होता है और इन तीनों में क्या अंतर है।

1. ‘जं’ (Junction) का क्या मतलब होता है?

‘जं’ यानी जंक्शन (Junction) का अर्थ होता है एक ऐसा रेलवे स्टेशन जहां तीन या उससे अधिक रेलवे लाइनें मिलती हैं या अलग-अलग दिशाओं में जाती हैं।

उदाहरण के लिए:

  • इलाहाबाद जं (प्रयागराज जं)
  • मुजफ्फरपुर जं
  • मथुरा जं

ऐसे स्टेशन रेलवे नेटवर्क में महत्वपूर्ण नोड (Node) की तरह काम करते हैं। यहां ट्रेनें विभिन्न दिशाओं में जा सकती हैं, जैसे उत्तर-दक्षिण या पूर्व-पश्चिम।

जंक्शन स्टेशन की विशेषताएं:

  • यहां से एक से अधिक रूट निकलते हैं
  • कई ट्रेनों की शुरुआत या समाप्ति यहीं होती है
  • इन्हें रेलवे के प्रमुख संचालन केंद्र माना जाता है
  • यहां कोच शफलिंग, रूट डायवर्जन जैसी क्रियाएं होती हैं

यदि किसी स्टेशन पर केवल दो लाइनें मिलती हैं, तो उसे जंक्शन नहीं माना जाता। ‘जंक्शन’ की परिभाषा के अनुसार कम से कम तीन रूट आवश्यक हैं।

2. ‘सीटी’ (City) क्या दर्शाता है?

‘सीटी’ का पूरा रूप है City, यानी शहर। जब किसी शहर में एक से अधिक रेलवे स्टेशन होते हैं, तो उनमें से एक को ‘City’ स्टेशन कहा जाता है, जो मुख्यतः शहर के मध्य या भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में स्थित होता है।

उदाहरण के लिए:

  • वाराणसी सिटी
  • जोधपुर सिटी
  • सहरसा सिटी

City स्टेशन की विशेषताएं:

  • यह स्टेशन आमतौर पर लोकल या पैसेंजर ट्रेनों के लिए होता है
  • इन स्टेशनों का यात्री लोड कम होता है
  • प्लेटफॉर्म की संख्या और सुविधाएं सीमित होती हैं
  • कभी-कभी इन्हें शटल या DEMU सेवाओं के लिए इस्तेमाल किया जाता है

‘City’ स्टेशन मुख्य स्टेशन का वैकल्पिक विकल्प होता है, खासकर जब मुख्य स्टेशन पर अधिक भीड़ या संचालन का दबाव होता है।

3. ‘कैंट’ (Cantonment) का क्या मतलब होता है?

‘कैंट’ शब्द आता है Cantonment से, जिसका अर्थ होता है सैन्य क्षेत्र। जब कोई रेलवे स्टेशन ऐसे इलाके में होता है जहां पर सेना का मुख्यालय या छावनी होती है, तो उसे ‘कैंट स्टेशन’ कहा जाता है।

उदाहरण के लिए:

  • मेरठ कैंट
  • अलवर कैंट
  • लखनऊ कैंट
  • अहमदाबाद कैंट

Cantonment स्टेशन की विशेषताएं:

  • यह स्टेशन अक्सर सैन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए बना होता है
  • आम नागरिक भी यहां से यात्रा कर सकते हैं
  • सुरक्षा के लिहाज़ से ये स्टेशन अधिक संवेदनशील माने जाते हैं
  • कभी-कभी यहां से सेना की विशेष ट्रेनें चलती हैं

Cantonment स्टेशन का उपयोग अक्सर सिविलियन + डिफेंस दोनों यात्रियों के लिए होता है। हालांकि, इनके आसपास का इलाका सैन्य नियंत्रण में होता है।

इन तीनों शब्दों का व्यावहारिक अंतर क्या है?

शब्दपूरा नामअर्थउपयोग की स्थिति
जंJunctionतीन या अधिक रेलवे रूट्स का मिलन स्थलबड़ा ट्रैफिक हब, इंटरकनेक्शन पॉइंट
सीटीCityशहर के मध्य का स्टेशनवैकल्पिक स्टेशन, लोकल ट्रेनों के लिए
कैंटCantonmentसेना की छावनी वाला इलाकासैन्य और नागरिक दोनों यात्रियों के लिए

क्या एक ही शहर में ये तीनों हो सकते हैं?

हाँ। कई बड़े शहरों में ये तीनों प्रकार के स्टेशन मौजूद होते हैं।

उदाहरण: लखनऊ

  • लखनऊ जं – मुख्य इंटरसिटी स्टेशन
  • लखनऊ सिटी – लोकल रूट्स और पैसेंजर ट्रेनों के लिए
  • लखनऊ कैंट – छावनी क्षेत्र का स्टेशन

इसी तरह वाराणसी में भी वाराणसी जं और वाराणसी सिटी दोनों स्टेशन हैं।

यात्रियों को इससे क्या लाभ होता है?

  • यदि आप यह जानते हैं कि आपकी ट्रेन कौन से स्टेशन से चल रही है (जं, सिटी या कैंट), तो आप सही स्थान पर समय से पहुंच सकते हैं
  • इससे कन्फ्यूजन और मिस ट्रेन जैसी समस्याएं कम होती हैं
  • यह जानकारी टिकट, SMS और IRCTC ऐप में साफ दी जाती है — जिसे पढ़ना बहुत जरूरी है

क्या ये नाम बदल सकते हैं?

कभी-कभी रेलवे प्रशासन स्टेशन के नाम में बदलाव करता है — लेकिन ‘जं’, ‘सिटी’, या ‘कैंट’ जैसे टर्म रेलवे कैटेगरी के अनुसार ही बनाए रखते हैं

नाम बदलने के लिए रेलवे को केंद्र सरकार की अनुमति लेनी होती है, क्योंकि यह नक्शों, टिकटिंग, और सिग्नलिंग सिस्टम से जुड़ा होता है।

निष्कर्ष

रेलवे स्टेशन के नाम के साथ जुड़े ‘जं’, ‘सीटी’ और ‘कैंट’ जैसे शब्द केवल पहचान नहीं, बल्कि उनके प्रकार, स्थान और उपयोग की जानकारी देते हैं। इनसे यात्री को यह समझने में मदद मिलती है कि किस स्टेशन से उनकी ट्रेन चलेगी और वहां क्या सुविधाएं मिलेंगी।

अब अगली बार जब आप किसी टिकट या स्टेशन बोर्ड पर ‘जं’, ‘सीटी’ या ‘कैंट’ देखें, तो आप न केवल उसका मतलब जानेंगे, बल्कि दूसरों को भी समझा पाएंगे — क्योंकि रेलवे की भाषा जितनी सरल लगे, उतनी होती नहीं। जानकारी ही सबसे बड़ी सुविधा है।

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