भारतीय रेलवे आज केवल ट्रेनों तक सीमित नहीं है — यह एक संपूर्ण डिजिटल इकोसिस्टम बन चुका है। और इस क्रांति की शुरुआत हुई IRCTC से, जिसने रेलवे टिकट बुकिंग को पूरी तरह से बदल दिया।
IRCTC ने भारत में ऑनलाइन टिकट बुकिंग को घर-घर तक पहुंचाया, लंबी लाइनों को खत्म किया, और यात्रियों को एक स्मार्ट, तेज़ और पारदर्शी सिस्टम दिया।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि IRCTC की शुरुआत कब और क्यों हुई? इसे बनाने का विचार कैसे आया और यह कैसे भारत के सबसे व्यस्ततम ऑनलाइन प्लेटफॉर्म में से एक बन गया?
आइए जानते हैं IRCTC का पूरा इतिहास, उद्देश्य, विकास और उसकी आज की भूमिका।
IRCTC क्या है?
IRCTC का पूरा नाम है:
Indian Railway Catering and Tourism Corporation
यह भारतीय रेलवे की एक सहायक कंपनी (subsidiary) है, जिसकी स्थापना इस उद्देश्य से की गई थी कि वह रेलवे से जुड़े कैटरिंग, ऑनलाइन टिकटिंग, और टूरिज्म सेवाओं को और अधिक बेहतर, कुशल और प्राइवेट सेक्टर जैसा बनाए।
IRCTC की स्थापना कब हुई?
IRCTC की स्थापना 27 सितंबर 1999 को की गई थी। यह कंपनी Companies Act, 1956 के तहत रजिस्टर की गई थी और इसे भारत सरकार के रेल मंत्रालय (Ministry of Railways) के अंतर्गत लाया गया।
शुरुआती उद्देश्य क्या था?
IRCTC को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य था:
- रेलवे की कैटरिंग सेवाओं को प्राइवेट मॉडल की तरह बेहतर बनाना
- यात्रियों को ऑनलाइन टिकटिंग की सुविधा देना
- भारत में रेलवे आधारित पर्यटन को बढ़ावा देना
- रेलवे को एक डिजिटल और आत्मनिर्भर इकाई की ओर ले जाना
ऑनलाइन टिकट बुकिंग की शुरुआत कब हुई?
IRCTC ने 2002 में ऑनलाइन टिकट बुकिंग सेवा शुरू की।
यह उस समय भारत के लिए एक बड़ी क्रांति थी। उस समय तक लोग टिकट बुकिंग के लिए रेलवे स्टेशनों की लंबी लाइनों में खड़े रहते थे या किसी ट्रैवल एजेंट की मदद लेते थे।
IRCTC ने यात्रियों को यह सुविधा दी कि वे:
- अपने घर बैठे ट्रेन टिकट बुक कर सकें
- ट्रेन की सीटों की उपलब्धता जांच सकें
- PNR स्टेटस ट्रैक कर सकें
- टिकट कैंसल या रिफंड का प्रोसेस ऑनलाइन कर सकें
IRCTC वेबसाइट की लॉन्चिंग
IRCTC ने अपनी पहली वेबसाइट irctc.co.in को 2002 में लॉन्च किया।
शुरुआत में वेबसाइट पर लोड काफी कम था, लेकिन 2010 के बाद जैसे-जैसे इंटरनेट आम हुआ, IRCTC वेबसाइट देश की सबसे अधिक विज़िट की जाने वाली वेबसाइट्स में से एक बन गई।
IRCTC की बड़ी उपलब्धियाँ
- ऑनलाइन टिकटिंग में अग्रणी – हर दिन लाखों टिकट IRCTC वेबसाइट और ऐप से बुक किए जाते हैं।
- टूरिज्म पैकेज – IRCTC धार्मिक, एडवेंचर और इंटरनेशनल टूर पैकेज उपलब्ध कराता है।
- ई-कैटरिंग सेवा – यात्री अब अपनी पसंद का खाना ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं।
- IRCTC वॉलेट और पेमेंट गेटवे – टिकटिंग के लिए खास वॉलेट और UPI सुविधा दी गई है।
- IRCTC Air और Bus – फ्लाइट और बस टिकट बुकिंग की सुविधा भी अब IRCTC देता है।
IRCTC का निजीकरण (IPO लॉन्च)
IRCTC ने 2019 में अपना IPO (Initial Public Offering) लॉन्च किया और यह बेहद सफल रहा। इसने निवेशकों को बेहतरीन रिटर्न दिया और यह रेलवे की पहली इकाई बनी जो स्टॉक मार्केट में लिस्ट हुई।
अब IRCTC एक Publicly Traded Company है और NSE व BSE दोनों पर लिस्टेड है।
कोविड-19 महामारी में IRCTC की भूमिका
कोविड के दौरान IRCTC ने:
- टिकट बुकिंग के लिए फ्लेक्सिबल नियम लागू किए
- कॉन्टैक्टलेस टिकटिंग और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिया
- स्पेशल ट्रेनों की जानकारी और बुकिंग की सुविधा प्रदान की
- यात्री सुरक्षा के लिए यात्रा गाइडलाइंस जारी कीं
IRCTC ऐप और टेक्नोलॉजी का विस्तार
आज IRCTC के पास अपने मोबाइल ऐप, स्मार्ट वेबसाइट, SMS अलर्ट, WhatsApp अपडेट, और UPI इंटीग्रेशन जैसी सुविधाएं हैं।
साथ ही, Artificial Intelligence (AI), Data Analytics और Cybersecurity जैसी तकनीकों को भी शामिल किया गया है ताकि यूज़र एक्सपीरियंस और भी बेहतर हो सके।
IRCTC के कुछ रोचक तथ्य
- IRCTC हर दिन औसतन 8 से 10 लाख टिकट बुक करता है।
- Tatkal टिकट बुकिंग के समय वेबसाइट पर 10-12 लाख लोग एक साथ एक्टिव रहते हैं।
- IRCTC एकमात्र कंपनी है जिसे भारतीय रेलवे की ऑनलाइन टिकट बुकिंग का अधिकार है।
- IRCTC का टर्नओवर हर साल हज़ारों करोड़ रुपए में होता है।
IRCTC की आलोचनाएँ और चुनौतियाँ
जहां IRCTC की सेवाओं की सराहना होती है, वहीं इसे लेकर कुछ आलोचनाएं भी सामने आती हैं:
- टिकट बुकिंग के समय वेबसाइट का स्लो होना
- Tatkal टिकट बुकिंग के दौरान ट्रैफिक हैंडलिंग की समस्या
- बॉट्स और एजेंटों द्वारा सिस्टम का दुरुपयोग
- कभी-कभी पेमेंट फेलियर और रिफंड देरी
हालांकि, IRCTC लगातार इन चुनौतियों पर काम कर रहा है और तकनीकी सुधार लाने की दिशा में प्रयासरत है।
निष्कर्ष
IRCTC की शुरुआत एक साधारण उद्देश्य से हुई थी — रेलवे की सेवाओं को आधुनिक बनाना। लेकिन आज यह प्लेटफॉर्म भारत की डिजिटल क्रांति का प्रतीक बन चुका है। टिकट बुकिंग से लेकर टूरिज्म तक, IRCTC ने रेलवे को सिर्फ एक ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम नहीं बल्कि एक डिजिटल, भरोसेमंद और आत्मनिर्भर सेवा में बदल दिया है।
अगर आपने कभी IRCTC से टिकट बुक किया है, तो आप इस डिजिटल परिवर्तन का हिस्सा हैं। और अगर नहीं किया, तो अगली बार ज़रूर ट्राई कीजिए — और महसूस कीजिए भारत के रेलवे सिस्टम का नया रूप।